शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2008

उजाले को आने दो

खोलो झरोखों को,हवा आने दो
इन रास्तों से,उजाले को जगह दे दो
जियो कुछ इस तरह,उजाले का हिस्सा बन कर
इसको हवा में रच बस जाने दो
अँधेरा होता है भयानक
इसको वक़्त के साथ गुजर जाने दो
कालिमा को धो पुँछ जाने दो
उजाले की महक,उजाले की खनक
झन्कार को आने दो
महकेगा तन मन,
जीवन के नक्शे को बदल जाने दो
उजाले को आने दो

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